


अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध ने अब भारतीय निर्यातकों के लिए नए अवसर पैदा किए हैं। अमेरिका ने 1 नवंबर 2025 से चीन से आयातित वस्तुओं पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे कुल शुल्क दर लगभग 130% तक पहुंच जाएगी। यह कदम चीन के दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर कड़े नियमों के जवाब में लिया गया है। ये खनिज अमेरिकी रक्षा, इलेक्ट्रिक वाहन और स्वच्छ ऊर्जा उद्योगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस उच्च टैरिफ के कारण अमेरिकी बाजार में चीनी वस्तुएँ महंगी हो जाएंगी और भारतीय निर्यातकों के लिए अवसर बढ़ेंगे। भारत ने 2024-25 में अमेरिका को 86 अरब डॉलर का निर्यात किया है। कपड़ा, खिलौने, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक सामान और औद्योगिक उत्पादों जैसे क्षेत्र इस अवसर से विशेष रूप से लाभान्वित हो सकते हैं। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा, “अमेरिका द्वारा चीन पर उच्च शुल्क लगाए जाने से मांग भारत की ओर स्थानांतरित होगी। यह हम निर्यातकों के लिए बड़ा अवसर है।” एक कपड़ा निर्यातक ने कहा कि इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
अमेरिका की घोषणा चीन द्वारा दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर कड़े नियम लागू करने के बाद की गई। चीन ने इस कदम के जरिए अमेरिका को प्रभावित करने की कोशिश की थी। अमेरिकी व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय उत्पादों को अब अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा का फायदा मिलेगा।